फटाफट सजा सुनाने वाले जज को राहतः रेप के आरोपियों को तुरंत सजा सुनाने वाले जज का निलंबन वापस

The suspension of the judge who immediately sentenced the accused of rape was withdrawn The suspension of the judge who immediately sentenced the accused of rape was withdrawn
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Edited By - Admin

  • बिहार,
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  • 13 August 2022,
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  • अपडेटेड 07:58 AM IST

DESK: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पटना हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत पीड़ित को तुरंत इंसाफ दिलाने वाले जज का निलंबन वापस ले लिया है। अररिया के एडीजे रहे शशिकांत राय को फरवरी 2022 में निलंबित कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निलंबन के आदेश पर नाराजगी जताते हुए गंभीर टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि जब तक किसी जज के खिलाफ दुर्भावना या भ्रष्टाचार जैसा कुछ स्पष्ट कारण न हो ,तब उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने एडीजे का निलंबन वापस ले लिया है।

बता दें, अररिया में पॉक्सो स्पेशल कोर्ट के जज शशिकांत राय ने कई मामलों का स्पीडी ट्रायल किया था। पिछले साल उन्होंने महज एक दिन में पॉक्सो एक्ट के एक मामले में फैसला सुना दिया और रेप के आरोपी को उम्रकैद की सजा हुई। इसके अलावा एक अन्य मामले में उन्होंने महज चार दिन में फैसला सुनाते हुए एक आरोपी को पॉक्सो एक्ट के तहत फांसी की सजा सुनाई थी।

पटना हाईकोर्ट के संज्ञान में जब ये मामला आया तो उन्होंने तुरंत जज शशिकांत राय को निलंबित कर दिया। मगर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निलंबन के आदेश पर नाराजगी जताई। 8 अगस्त को शीर्ष अदालत के जस्टिस यूयू ललित और एस रविंद्र भट्ट की बेंच ने कहा कि जब तक किसी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार और दुर्भावना का स्पष्ट कारण न हो, तब तक उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। ज्यादा से ज्यादा आप यह कह सकते हैं कि वह ज्यादा उत्साही अधिकारी हैं। आखिरकार यह संस्था का मामला है, जब किसी न्यायायिक अधिकारी के खिलाफ कुछ कहा जाता है तो उसका असर संस्था पर पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इससे ये संदेश जाएगा कि न्याय देने वाले को ही दंडित किया जा रहा है। SC ने पटना हाईकोर्ट को अपने फैसले पर फिर से विचार करने के लिए 10 दिन का समय दिया था। सुप्रीम अदालत के सख्त रूख के बाद पटना हाईकोर्ट ने निलंबन आदेश वापस ले लिया है।