यूरिया के लिए चली गई जानः छपरा में खाद की लाइन में लगे किसान की मौत, लगातार तीन दिनों से सुबह 4 से ही कतार में हो रहे खड़े

The death of a farmer engaged in the line of fertilizer in Chhapra, The death of a farmer engaged in the line of fertilizer in Chhapra,
img

Edited By - Admin

  • बिहार,
  •  
  • 06 February 2022,
  •  
  • अपडेटेड 08:01 AM IST

DESK: बिहार में यूरिया की भारी किल्लत है। किसान परेशान हैं और सरकारी सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें कर रही। अब तो खाद के लिए किसानों की जान भी जा रही है। छपरा के तरैया में खाद के चक्कर में किसान की जान चली गई।

जानकारी के अनुसार मृतक किसान लालबाबू सिंह खाद के लिए काफी दिनों से परेशान थे। गेहूं की फसल खाद के बिना विकास नहीं कर पा रहा था। पिछले 3 दिनों से खाद के लिए लाइन में लग रहे थे। शनिवार की सुबह 4 बजे से ही तरैया बाजार के एक खाद दुकान पर लाइन में लगे थे। दोपहर 2 बजे के करीब 10 घंटों तक लाइन में लगे रहने की वजह से मूर्छित होकर गिर गए। तुरंत ही उन्हें अस्पताल ले जाया गया। लेकिन रास्ते में ही मौत हो गई। मृतक किसान रामबाबू सिंह के बेटे ने बताया कि लगभग तीन एकड़ में गेंहू की फसल लगाई गई है। फसल में खाद डालने के लिए पिताजी परेशान थे। हर दिन सुबह तरैया बाजार के खाद दुकानों का चक्कर लगाते थे। लेकिन घंटों इंतजार के बाद निराश होकर घर वापस लौट जाते थे।

राकेश ने कहा कि सरस्वती पूजा की अहले सुबह जानकारी मिली कि तरैया बाजार स्थित अमनौर रोड में मसरखिया खाद बीज दुकान पर खाद मिलेगा। रामबाबू सिंह सुबह 4 बजे घर से निकले और खाद दुकान पर लाइन में खड़े हो गए। लगभग 10 घंटे लाइन में खड़े रहने के बाद 2 बजे चक्कर खाकर गिर पड़े। इसके बाद उन्हें उठाकर रेफरल अस्पताल पहुंचे।चिकित्सकों ने रेफर कर दिया तब छपरा जाने के दौरान रास्ते में मौत हो गई।

Related Tags