PATNA: बिहार में बालू माफियाओं का मनोबल बढ़ा हुआ है। कई जिलों में बालू माफिया पुलिस पर हमला कर रहे। गुरूवार को औरंगाबाद जिले में बालू माफियाओं ने पुलिस पर हमला बोल दिया. ट्रैक्टर से अवैध तरीके से बालू की ढुलाई को जब पुलिस रोकने गई तो माफियाओं ने हमला बोल दिया. आठ पुलिसकर्मी किसी तरह अपनी जान बचा सके।
टीम में शामिल एक पुलिसकर्मी के अनुसार गुरुवार को शाम करीब आठ बजे दाउदनगर-पटना एनएच-139 पर बालू ढोने वाले ट्रैक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएसपी कुमार ऋषि राज के नेतृत्व में पुलिस टीम सड़क पर उतरी। एक ट्रैक्टर को पकड़ने के लिए पुलिस ने ट्रक का सहारा लिया। उसे भखरुआं में दो सेकेंड के लिए रुकने को कहा। ट्रक जैसे ही रुका कि पीछे से पहुंचे बालू लदे ट्रैक्टर को पुलिस ने पकड़ लिया। उसी समय ट्रैक्टर पकड़े जाने की सूचना पर लाइनरों ने दूसरे ट्रैक्टर के चालक को दी। वह गैस एजेंसी के पास से लाइनर से बातचीत करते हुए पंजाब नेशनल बैंक की शाखा तक पहुंच गया। यहां उसने तेजी से वाहन घुमाने का प्रयास किया। पुलिसकर्मी उसे पकड़ने के प्रयास में लगे लेकिन ट्रैक्टर चालक ने उन्हें रौंदने की कोशिश की
इस दौरान एक जवान उछलकर ट्रैक्टर के इंजन पर चढ़ गया। यह देखते ही ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर छोड़कर नहर में कूद कर भाग गया। चालू ट्रैक्टर बिना ड्राइवर के गैस एजेंसी से नहर पुल को पार कर गया। इस बीच दूसरा सिपाही किसी तरह ट्रैक्टर पर चढ़ने में कामयाब हुआ। उसने ट्रैक्टर को नियंत्रण में किया। बिना ड्राइवर का ट्रैक्टर को चलते देखकर सड़क के दोनों किनारे के दुकानदार कुचले जाने के डर से दुकान छोड़कर भागने लगे। इस दौरान एक साथ आठ पुलिसकर्मियों की जान बच गई। इस कार्रवाई में दो ट्रैक्टर पकड़े गए हैं।
एसपी कांतेश कुमार मिश्र ने बताया कि हमें इस मामले की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसकी रिपोर्ट मैं थानाध्यक्ष से मांग रहा हूं। वहीं, खान निरीक्षक मो. दानिश आलम के बयान पर प्राथमिकी हुई है जिसमें धारा 379 और 411 के अलावा एमएमडीआर एक्ट के साथ बिहार खनिज समानुदान, अवैध खनन, परिवहन भंडारण निवारण नियमावली के कई नियम का जिक्र किया गया है। इसमें सरकारी कार्य में बाधा डालने और जानलेवा हमला की चर्चा नहीं है।