RJD का क्या है मास्टर प्लान ? बिहार में लोकसभा की 40 सीटों पर इस फॉर्मूले को अपनाएगी RJD, 'लाठी वाली छवि' से मुक्ति की कोशिश

RJD will adopt this formula on 40 Lok Sabha seats in Bihar, trying to get rid of the 'stick image' RJD will adopt this formula on 40 Lok Sabha seats in Bihar, trying to get rid of the 'stick image'
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Edited By - Admin

  • बिहार,
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  • 05 December 2023,
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  • अपडेटेड 06:24 PM IST

PATNA:लोकसभा चुनाव को देखते हुए तमाम पार्टियां चुनावी मोड में आ गई हैं। चार राज्यों में विधानसभा चुनाव और उसके परिणामों को देखते हुए बिहार के सत्तारूढ़ दल अपनी रणनीति पर नए सिरे से मंथन कर रहे हैं। लालू यादव की पार्टी राजद की सक्रियता कुछ अधिक बढ़ गई है। सर्वाधिक फोकस लोकसभा की 40 सीटों पर सहयोगियों के साथ तालमेल को लेकर है।

2019 के लोकसभा चुनाव की अपेक्षाकृत इस बार परिस्थितियां थोड़ी अलग हैं। जदयू जैसा संगठन राजद के साथ है। पिछली बार जदयू एनडीए का हिस्सा था। इस चुनाव में राजद, कांग्रेस व अन्य सहयोगी दलों वाले महागठबंधन को बिहार में बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा था। राजद का चुनाव में खाता भी नहीं खुला था। सिर्फ कांग्रेस एक सीट जीतने में सफल रही थी। इन तमाम मुद्दों को देखते हुए राजद लोकसभा की सभी 40 सीटों का सर्वे करा रहा है।

सर्वे में यह जानने की कोशिश है कि राजद किन लोकसभा सीटों पर मजबूत स्थिति में है और कहां उसके सहयोगी। इस काम के लिए पार्टी ने निजी एजेंसी का सहयोग लिया है। सर्वे के नतीजों के आधार पर राजद सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे पर बात करेगा। सहयोगियों के सामने भी सर्वे रिपोर्ट रखी जाएगी। सीट सर्वे के साथ पार्टी ने सभी राष्ट्रीय और प्रांतीय प्रवक्ताओं को यह जिम्मा सौंपा है कि वे राज्य में बढ़ाए गए आरक्षण दायरे के साथ सरकार द्वारा हाल में दी गई नौकरियों के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करें। दूसरी ओर पार्टी अपनी 'लाठी छवि' से बाहर आने के लिए प्रदेश स्तर पर लगातार बुद्धिजीवी वार्ताएं भी आयोजित कर रही है। जिसके जरिये अलग ही संदेश देने की कोशिश है।

पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि जड़ें मजबूत हो तभी पेड़ आंधी का वार भी सह लेता है। हमारी पार्टी की नीति भी यही रही है। समाज में दलित-वंचितों के साथ सवर्णों को भी हम लेकर चलने में विश्वास करते हैं। प्रदेश सरकार ने आरक्षण का दायरा बढ़ाया है। लगातार रोजगार और सरकारी नौकरियां दी जा रही हैं। 2025 तक 10 लाख रोजगार देने का लक्ष्य है।

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