PATNA: बिहार सरकार ने आज से एक नई पहल की है। अब आप अपने घर तक नक्शा मंगवा सकते हैं. आपको पटना तक या सरकारी दफ्तरों की दौड नहीं लगानी पड़ेगी।नागरिक अपने गांव और कस्बे का नक्शा आनलाइन मंगा सकते हैं। इसके लिए उन्हें सामान्य शुल्क का भुगतान करना होगा। डाक विभाग स्पीड पोस्ट के माध्यम से घर इसे पहुंचा देगा।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने मंगलवार को नक्शे की डोर स्टेप डिलीवरी योजना की शुरुआत की। विभाग तीन साल से इस काम में लगा था। मेहता ने कहा कि घर तक नक्शा पहुंचाने वाला बिहार इस देश का पहला राज्य बन गया है। डिजीटल नक्शे से जमीन विवाद को सुलझाने में मदद मिलेगी। आनलाइन नक्शा मंगाने के लिए निदेशालय के वेबसाइट dlrs.bihar.gov.in पर जाकर डोर स्टेप डिलीवरी पर क्लिक करना होगा। इसके बाद मिल रहे निदेशों का पालन करते हुए अपने मौजे के नक्शा का आर्डर और उसका आनलाइन पेमेंट करना होगा। एक शीट के नक्शा के लिए 285 रुपये का भुगतान करना होगा। इसमें कंटेनर का शुल्क और डाक व्यय शामिल है। एक बार में एक कंटेनर में पांच शीट का आर्डर किया जा सकता
नक्शा भेजने के लिए कूट के गोल और मजबूत डिब्बे बनाए गए हैं। डाक विभाग ने इसके लिए पांच लाख बार कोड का आवंटन बिहार सर्वेक्षण कार्यालय, गुलजारबाग को किया है। हरेक कंटेनर पर बार कोड जेनेरेटेड स्टिकर लगाया जाना है। डाक चार्ज नक्शे के वजन के मुताबिक देय होगा। आम लोग बिहार सर्वेक्षण कार्यालय गुलजारबाग में उपलब्ध कुल एक लाख, 35 हजार, 865 नक्शों को आनलाइन मंगा सकते हैं। इसमें सबसे अधिक 73, 086 नक्शे कैडस्टल सर्वे से संबंधित हैं। रिविजन सर्वे से संबंधित नक्शों की संख्या 49,711 है जबकि चकबंदी के नक्शों की कुल संख्या 7821 है। सर्वेक्षण कार्यालय, गुलजारबाग में बिहार के अंचलों, जिलों एवं इरीगेशन मैप भी उपलब्ध हैं। कैडेस्ट्रल एवं रिविजनल नगरपालिका मैप भी निर्धारित शुल्क देकर मंगाया जा सकता है।
इस मौके पर विभाग के अपर मुख्य सचिव, ब्रजेश मेहरोत्रा, भू-अभिलेख एवं परिमाप के निदेशक जय सिंह, उप निदेशक, सईदा खातून सहित प्रोग्रामर कुणाल किशोर, प्रिंस कुमार एवं मो0 अली उपस्थित थे