PATNA:प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध बालू खनन और बालू की बिक्री से संबंधित मामले में पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत 9 मार्च को बड़ी कार्रवाई की थी. ईडी ने बताया है कि 9 तारीख को पटना में सुभाष यादव और उनके करीबी सहयोगियों से संबंधित 6 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया. तलाशी अभियान के दौरान लगभग 2.37 करोड़ रुपये की अस्पष्टीकृत नकदी बरामद की गई है. साथ ही सुभाष यादव के एक कर्मचारी और करीबी सहयोगियों के परिसर से डिजिटल उपकरण पाए गए, जिसे जब्त किया गया है.
सुभाष यादव को 9 मार्च को ही गिरफ्तार किया गया और 10 तारीख को विशेष पीएमएलए कोर्ट, पटना के समक्ष पेश किया गया, जहां उन्हें 22 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वैसे सुभाष यादव इस खेल में अकेले नहीं हैं. इस खेल में ब्रॉडसन कंपनी के कई निदेशक शामिल है. एक निदेशक अशोक कुमार के ठिकानों पर 7 फरवरी 2023 को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापेमारी की थी. रेड के दौरान ही आईटी अधिकारी ने निदेशक के साथ-साथ उनके दो बेटों के खिलाफ गंभीर धाराओं में बिहटा थाने में केस दर्ज किया था. जिनके खिलाफ केस दर्ज किया गया उनमें से एक कुछ महीने बाद ही माननीय बन गए.
ईडी से पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फरवरी 2023 में ही बालू के अवैध खेल मामले में ब्रॉडसन कंपनी के निदेशक के ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी बिहटा से लेकर अन्य कई जगहों पर की गई थी. छापेमारी के दौरान ही बिहटा के एक निदेशक और उनके बेटों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. आईटी के एक इंस्पेक्टर ने ब्रॉडसन कंपनी के एक निदेशक के अलावे उनके दो बेटों के खिलाफ 9 फरवरी को पटना जिले के बिहटा थाने में मुकदमा दर्ज किया. आरोप था कि बालू कंपनी के निदेशक और उनके दो बेटों ने साजिश किया. लिहाजा इन तीनों के खिलाफ धारा 172, 174, 186,187,188 और आईपीसी की धारा 120 बी के तहत केस दर्ज की जाए. इनकम टैक्स ऑफिसर के आवेदन के बाद पुलिस ने 8 फरवरी को केस दर्ज कर जांच शुरू की. इनमें से एक अभियुक्त अशोक कुमार कंपनी के निदेशक हैं, जबकि दो अभियुक्त इनके पुत्र हैं. आरोपी में एक कुछ महीने बाद ही विधान पार्षद बन गए.
माननीय व पिता-भाई के खिलाफ दर्ज केस की सुनवाई सीजेएम डिवीजन दानापुर के यहां चल रही है. इनके खिलाफ दर्ज केस नंबर-123 की पहली सुनवाई 1 मई 2023 को हुई. फिर 10 जुलाई, इसके बाद 25 सितंबर, फिर 14 दिसंबर को इस मामले में सुनवाई हो चुकी है. अब 13 मार्च को हियरिंग की अगली तारीख दी गई है. सवाल यही है कि बालू के खेल में सिर्फ सुभाष यादव ही नहीं हैं, बल्कि अपने आप को सबसे अलग बताने वाली पार्टी के नेता भी इसमें लपेटे में हैं. देखना होगा, इस मामले में जांच और गिरफ्तारी की आंच सत्ताधारी दल के नेताओं तक पहुंच पाती है या नहीं .