पुलिसवाले बने शराब माफियाः एक सिपाही पकड़ा गया..दो दरोगा हो गया फरार, गिरफ्तारी के लिए छापा

Liquor business under the guise of uniform Liquor business under the guise of uniform
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Edited By - Admin

  • बिहार,
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  • 11 May 2023,
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  • अपडेटेड 06:45 AM IST

PATNA:शराबबंदी वाले राज्य बिहार में पुलिसवाले ही शराब माफिया बन गए हैं. शराब के अवैध कारोबार में शामिल होकर खूब माल कमा रहे. ताजा मामला कांटी थाना क्षेत्र के सादतपुर की है। जहां शराब माफियाओं से मिलकर पुलिस के जवान ही सरकार की कोशिशों में पलीता लगा रहा था. एक सिपाही पकड़ा गया जबकि दो दारोगा फरार हो गया. जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.

सोमवार की रात शराब की तस्करी कर रहे सिपाही समेत पांच लोगों को कांटी पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जबकि दो दारोगा मौके से फरार हो गया. गिरफ्तार आरोपितों में सीतामढ़ी जिले के सिपाही अनिमेव पटेल, बाजपट्टी थाना के रतवारा निवासी अजय कुमार, प्रशांत कुमार, रुन्नीसैदपुर थाना क्षेत्र के कोदरिया गांव निवासी राम प्रवेश पटेल और बेगहा थाना के नानपुर निवासी सकिन्द्र कुमार शामिल हैं। जबकि फरार आरोपितों में सीतामढ़ी के एक थाने में तैनात दारोगा रामप्रवेश उरांव और जितेंद्र सुमन बताया गया है।

इस मामले में गिरफ्तार सिपाही अनिमेव पटेल और चार आरोपित के अलावे फरार दोनों सब इंस्पेक्टर समेत कुल दस लोगों के खिलाफ कांटी थाने में एएसआई उमाशंकर सिंह के बयान पर एफआईआर दर्ज की गई। पूछताछ के बाद गिरफ्तार आरोपितों को न्यायालय में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया गया।

कांटी थानेदार ने बताया कि सोमवार की शाम सीतामढ़ी के सब इंस्पेक्टर जितेंद्र सुमन ने फोन कर बताया था कि सर एक बस दरभंगा मोड़ पर लगी हुई है। जिसको असामाजिक तत्वों ने रोक रखा है। उसको छोड़वा देने का सब इंस्पेक्टर ने अनुरोध किया था। उन्होंने एएसआई उमाशंकर सिंह को गश्ती दल के साथ वहां भेजा। वहां जाने पर पाया गया कि बस पर 172 पेटी यानी 1590 लीटर विदेशी शराब लोड है। पांच लोगों को मौके से गिरफ्तार किया गया। जिसमें एक डीआईयू का सिपाही भी था। यह शराब सीतामढ़ी के शराब माफिया अनिल महतो की है।

बताया जाता है कि सीतामढ़ी जिले के डीआईयू के सिपाही अनिमेव पटेल सब इंस्पेक्टर रामप्रवेश उरांव और जितेंद्र सुमन समेत कुल दस लोग दो चार पहिया से शराब की खेप को रिसीव करने के लिए कांटी थाना के सादतपुर पहुंचे थे। वहां बस पहुंचने के बाद सभी शराब रिसीव कर सीतामढ़ी के नानपुर ले जाते। इससे पहले ही वहां पर उस बस को घेर लिया गया।