कड़क IAS अफसर हुए खुश ! स्कूल की व्यवस्था देख गदगद हुए केके पाठक, प्रधानाध्यापक के आग्रह को किया स्वीकार और...

KK Pathak was shocked to see the arrangement of the school, accepted the request of the headmaster and... KK Pathak was shocked to see the arrangement of the school, accepted the request of the headmaster and...
img

Edited By - Admin

  • बिहार,
  •  
  • 04 August 2023,
  •  
  • अपडेटेड 07:28 AM IST

PATNA: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने गुरूवार को अरवल और भोजपुर जिले के स्कूलों का निरीक्षण किया. अरवल में औचक निरीक्षक करने के बाद केके पाठक भोजपुर के सहार प्रखंड पहुंच गये। भोजपुर में प्रवेश करने के बाद केके पाठक जिला शिक्षा पदाधिकारी अहसन के साथ आदर्श मध्य विद्यालय सहार पहुंचे। यहां वे लगभग पांच मिनट तक रहे। इस दौरान, बच्चों की अच्छी उपस्थिति और शिक्षकों को अच्छे परिधान में देखकर उन्होंने खुशी जताई। हालांकि, निरीक्षण के दौरान प्रधानाध्यापक का अलग चैंबर बनाने पर उन्होंने इंजीनियर को जमकर फटकार लगाई। वहीं, एक विद्यालय की व्यवस्था देख केके पाठक काफी खुश हुए और प्रधानाध्यापक के आग्रह पर साथ खड़े होकर तस्वीर भी खिंचाई

इसके बाद करीब दो बजे वह कन्या मध्य विद्यालय सहार पहुंचे। यहां निरीक्षण करने के बाद उच्च विद्यालय सहार पहुंचे। इसके बाद वे सहार प्रखंड मुख्यालय स्थित कस्तुरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय पहुंचे। सबसे अंत में कोलोनी विद्यालय पहुंचे और स्कूल का निरीक्षण किया। आदर्श मध्य विद्यालय में उन्होने बच्च्चों से मिड-डे मील योजना के बारे में पूछा। इस दौरान, विद्यालय के शौचालय की साफ-सफाई का भी मुआयना किया। साथ ही, कुछ जर्जर क्लास को साफ-सफाई कर नव निर्माण करने के लिए डीईओ को निर्देश दिए।

खुश हुए केके पाठक और खिंचाई फोटो

कड़क आईएएस अफसर केके पाठक ने कन्या मध्य विद्यालय सहार की कक्षाओं में जाकर सामान्य पढ़ाई और कम्प्यूटर की पढ़ाई के बारे में छात्रों से जानकारी ली। यहां सभी छात्रों को ड्रेस और टाई में देख उन्होंने प्रसन्नता जताई। कन्या मध्य विद्यालय सहार में वापस चलते समय प्रधानाध्यापक अनवर जमाली के आग्रह पर अपर मुख्य सचिव ने सभी शिक्षकों को साथ खड़े हो फोटो खिंचवाई।

उच्च विद्यालय सहार के निरीक्षण में अपर मुख्य सचिव ने छात्रों की संख्या कम देखी तो प्रधानाध्यापक को छात्रों की संख्या बढ़ाने और शिक्षकों को टोला में संपर्क कर बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करने को कहा। इसके बाद वे पटना के लिए रवाना हो गए