PATNA:जहानाबाद के जेडीयू प्रत्याशी चंदेश्वर चंद्रवंशी के खिलाफ वोटरों में भारी नाराजगी है. जेडीयू कैंडिडेट का चहुंओर विरोध है. आरोप है कि पांच सालों में जेडीयू सांसद ने क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया, सिर्फ अपने बेटे-बहू की कंपनी को 1600 करोड़ का एंबुलेंस ठेका दिलाया.वोटरों के आक्रोश को भांपते हुए जेडीयू कैंडिडेट इन दिनों माफी मांगते फिर रहे. बड़ा सवाल यही है कि क्या इस बार माफी कार्ड चल पायेगा,क्या जहानाबाद के मतदाता माफी कार्ड के झांसे में आएँगे ?
माफी मांगता हूं..शिकायत को खत्म कीजिए- चंद्रवंशी
रविवार को जहानाबाद के जेडीयू कैंडिडेट चंदेश्वर चंद्रवंशी के पक्ष में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी चुनाव प्रचार करने गए थे. खिजरसराय में एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित की गई थी. सभा में मांझी के साथ जेडीयू प्रत्याशी चंदेश्वर चंद्रवंशी भी थे. कार्यकर्ताओं ने बैठक में साफ कहा कि इन्होंने पांच सालों में कुछ नहीं किया. किस मुंह से कार्यकर्ता वोट मांगने जाएं. मांझी कार्यकर्ताओं की नाराजगी को भांप गए. उन्होंने कार्यकर्ताओं से मगही भाषा में आह्वान किया कि लोटा के लड़ाई में बटलोही के कभी न भूले के चाहीं. खिजरसराय में अतरी विधानसभा के एनडीए कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने एकजुट होने का आह्मान किया। कहा कि लोटा के फेर में बटलोही को न भूलें। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जिंदगी भर हम नीतीश जी न भूल सक ही। कार्यकर्ताओं की शिकायत पर कहा कि अगर सांसद ध्यान न दिए तो हमरा पास काहे न आए, हमर दरवाजा 24 घंटा खुला है। उन्होंने सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी की तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि वास्तविकता से मुंह न मोड़े के चाही। गलती अगर होलो हे त एकरा स्वीकार करह और आगे तैयारी करह। जेडीयू प्रत्याशी चंद्रेश्वर चंद्रवंशी ने कार्यकर्ताओं से माफी मांगते हुए कहा कि शिकायत खत्म कीजिए। जो भी गलती हूुई है, उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
नीतीश के सांसद के बेटे-बहू की कंपनी को मिला था टेंडर
बता दें, बिहार में इमरजेंसी सेवा के तहत चलने वाली 2125 एंबुलेंस को चलाने का ठेका जिस कंपनी को दिया गया था, वह कंपनी जेडीयू सांसद के बेटे का है. इस कंपनी में उनके बेटे के साथ दूसरे रिश्तेदार भी निदेशक हैं . बिहार सरकार ने एंबुलेंस का ये ठेका पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिडेट को दिया. इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाया जाता है. बदले में उनसे कोई राशि नहीं ली जाती है. इस योजना के तहत 2125 एंबुलेंस के संचालन का ठेका पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिडेट को दिया गया था. आरोप है कि इस कंपनी में जेडीयू सांसद चंदेश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी के बेटे-बहू और बहनोई निदेशक के पद पर हैं. इस कंपनी में ज्यादातर निदेशक सांसद के रिश्तेदार हैं.
जहानाबाद से जदयू सांसद चंद्रेश्वर के परिजनों ( बेटे-बहू) की कंपनी पशुपति डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड (पीडीपीएल) को स्वास्थ्य विभाग से मिला 1600 करोड़ का ठेका 10 नवम्बर 2023 को हाईकोर्ट को रद करना पड़ा। उन्होंने कहा कि पीडीपीएल का ठेका रद करने का आदेश जारी करते हुए पटना हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकार के निर्णय को मनमाना, अतार्किक, नियम-विरुद्ध और संविधान के अनच्छेद 14 के विरुद्ध बताया। पूर्व डिप्टी सीएम मोदी ने कहा था कि इस ठेके का मामला सामने आने पर हाईकोर्ट ने पहले भी आपत्ति की थी, लेकिन सरकार ने इसे रद्द नहीं किया था। हाईकोर्ट ने जब एँबुलेंस टेंडर को रद्द कर दिया तो मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाया गया है.
2023 में जब खुलासा हुआ था तब बीजेपी विपक्ष में थी. खुलासे के बाद भाजपा ने सदन से लेकर सड़क तक हंगामा किया था और नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार से समझौता करने के आरोप लगाए थे. खुलासा हुआ था तब बिहार विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ, तब के नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी ने सदन में जमकर सवाल दागे थे. विधानसभा में इस मुद्दे पर हंगामा हुआ था. पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी से लेकर रविशंकर प्रसाद तक ने जेडीयू सांसद के बेटे की कंपनी को टेंडर देने के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर खिंचाई की थी. फिर भी सरकार के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।