PATNA: पटना जिले के नौबतपुर थाना क्षेत्र में मां के सामने 12 वर्षीय बच्ची से छह आरोपितों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म के मामले में नया मोड़ आ गया है। बच्ची की मां ने ही कुछ रुपयों की लालच में बेटी को हवस का शिकार बनवाया था. साथ ही गया जिले के एक चर्चित हत्याकांड के गवाहों को फंसाने के लिए झूठी प्राथमिकी करा दी। पोल खुलते ही वह एम्स, पटना में भर्ती बेटी को छोड़ कर फरार हो गई।
सिटी एसपी (पश्चिमी) अभिनव धीमान ने बताया कि महिला ने पूछताछ में कबूल किया था कि उसने राजा और गुड्डू के कहने पर फर्जी एफआईआर कराई थी। वारदात सत्य प्रतीत हो, इसलिए राजा ने दूसरे लोगों के साथ मिलकर बच्ची का यौन उत्पीड़न किया था। मामले को गंभीर दिखाने के लिए मारपीट की बात कही गई थी।
दानापुर एसडीपीओ (द्वितीय) दीपक कुमार पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। सूत्रों की मानें तो महिला के मोबाइल की आखिरी लोकेशन दिल्ली में मिली है। पटना पुलिस की टीम उसे पकड़ने के लिए रवाना हो चुकी है।
बतायाजाता है कि महिला ने मदन ठेकेदार (केउटी बथानी, अतरी, गया), विजय यादव (बथानी बिगहा, गया), प्रोफेसर कृष्ण नंदन यादव के बेटे किसलय यादव (एमआइजी 65, हाउसिंग कालोनी, गया), विल्सन भारती (दौलतपुर, अतरी, गया), चंद्रिका मुखिया (बथानी पचाई, गया) और बैंक मैनेजर अर्जुन (बथानी धनसुरा, गया) पर बेटी से दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने शिकायत दर्ज होते ही छानबीन शुरू की तो मालूम हुआ कि सभी आरोपित गया जिले के एक चर्चित हत्याकांड में गवाह हैं। इस केस का ट्रायल शुरू होने वाला है। यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस को पहले दिन से ही महिला पर संदेह था।
पुलिस ने जब महिला से सवाल-जवाब कियातो उसने स्वीकार कर लिया। बताया कि उसने राजा और गुड्डू के कहने पर झूठी प्राथमिकी कराई थी। पुलिस ने उसे कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान कराने को कहा था। जिसके बाद मौका मिलते ही वह फरार हो गई।