Bihar Transport News: सूबे के सभी सरकारी लोकसेवकों को हर वित्तीय वर्ष में संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य होता है. लेकिन अब यह खानापूर्ति होने लगी है. सरकारी सेवक आधी संपत्ति को सार्वजनिक करते हैं, बाकी को छुपा लेते हैं. यह खेल धड़ल्ले से जारी है. सरकार का स्पष्ट आदेश है कि जो सरकारी सेवक संपत्ति छुपायेंगे, उसे अवैध सपंत्ति मानकर आय से अधिक धर्नाजन का केस दर्ज किया जा सकता है. ऐसे दर्जनों सरकारी सेवकों के खिलाफ डीए केस दर्ज किया गया है. हाल ही में निगरानी विभाग ने भी स्पष्ट आदेश दिया है कि जो सरकारी सेवक निर्धारित मानक का पालन नहीं कर रहे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.अब समझिए...सरकारी सेवकों के संपत्ति छुपाने, ब्लैक को व्हाइट करने के खेल को. परिवहन विभाग के एक मोटर "निरीक्षक " हैं. पत्नी हाऊस वाऊफ हैं. लेकिन सेवा में आने के बाद पत्नी को जमींदार बना दिया. रजिस्ट्री के कागजात में पत्नी को हाऊस वाइफ बता रहे, जबकि सरकार के यहां संपत्ति का जो ब्योरा दे रहे, उसमें पत्नी को स्वावलंबी बताकर पूरी संपत्ति को छुपाने की कोशिश कर रहे. हालांकि खबर वही है जो छुपाई जाती है. हमने छुपाई गई उक्त संपत्ति को सामने लाने की कोशिश की है. खुलासे से बेचारे परिवहन के मोटर इंस्पेक्टर बेनकाब होते दिख रहे हैं.
खबर वही है जो छुपाई जाती है...
परिवहन विभाग के मोटरयान निरीक्षक की पोल खुलते हुए दिख रही है. संपत्ति अर्जित करना गलत नहीं, लेकिन सरकार की आंख में धूल झोककर संपत्ति बनाना, सरकारी सेवा में रहने के दौरान अवैध तरीके से संपत्ति बनाना अपराध है. सरकार की जांच एजेंसियां समय-समय पर ऐसे धनकुबेरों के खिलाफ कार्रवाई करती हैं. इस धनकुबेर मोटर निरीक्षक की संपत्ति का हिसाब-किताब जान लीजिए. यहां एक बात और स्पष्ट कर देते हैं, आज सिर्फ उसी संपत्ति का खुलासा करेंगे, जिसमें एमवीआई ने जमीन रजिस्ट्री के समय पत्नी को हाऊस वाइफ बताया है. बाकी संपत्ति की जानकारी अगली कड़ी में साझा करेंगे. इनके अनुसार पत्नी जब हाऊस वाइफ थीं, उस समय की अर्जित संपत्ति को भी इन्होंने सरकार के समक्ष सार्वजनिक नहीं किया है. यह गंभीर सवाल है... जब पत्नी हाऊस वाईफ हैं...आपने ही सरकार(निबंधन विभाग) को बताया है, तब संपत्ति के ब्योरा में उल्लेख क्यों नहीं किया ? इससे इस सरकारी सेवक की मंशा गलत साबित होती हुई प्रतीत हो रही है. ऐसा लगा रहा कि अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित की गई है.
मोटर निरीक्षक की पत्नी हाऊस वाइफ हैं...और संपत्ति की खरीद धड़ाधड़ हो रही
NOV 2014 की बात कर लेते हैं. परिवहन विभाग के इस इंस्पेक्टर ने पत्नी अ#### $$ती (हाऊस वाइफ) के नाम पर रोहतास जिले के नोखा में 8 डिसमिल जमीन, वैल्यू लगभग 17 लाख रू से अधिक, लैंड टाइप- डेवलपिंग. पत्नी का एड्रेस है.. जिला रोहतास.
अब आइए...जुलाई 2020 की. नोखा इलाके में सिंचित भूमि 62.50 एकड़,(सरकारी मूल्य- 5 लाख 82 हजार) का निबंधन पत्नी अ#### $$ती (हाऊस वाइफ) के नाम पर किया गया. इस निबंधन पेपर में पता राजधानी पटना(शाष्त्रीनगर) का दिया गया है. अक्टूबर 2011 को पत्नी अ#### $$ती (हाऊस वाईफ) और एक और महिला के नाम पर ज्वाइंट तिलौथू सर्किल में 28 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री कराई गई. सरकारी वैल्यू दिखाय गया... 250000 रू.
जून 2021 को पत्नी अ#### $$ती(हाऊस वाइफ,पता पटना) और एक और ##### कुमार के नाम पर दिनारा सर्किल में सिंचित भूमि चार टूकड़ा में जमीन कुल रकबा- (25,69,30,27 डिसमिल) यानि 151 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री कराई गई। इसके अलावे भी कई प्लॉट हैं, जिसके बारे में आगे उल्लेख करेंगे. बतायेंगे,कि कैसे व्यवसाय के तले सरकारी सेवा से तेल निकाला जा रहा है. परिवहन इंस्पेक्टर ने 2024 में तीन माह पहले भी पत्नी के नाम पर संपत्ति अर्जित की है.
अब बताते हैं आपको, परिवहन विभाग के मोटर निरीक्षक वर्तमान में उत्तर बिहार में पदस्थापित हैं. दो जिलों के प्रभार में हैं. कुछ माह पहले तक दक्षिण बिहार में पदस्थापित थे. वैसे बता दें, इस निरीक्षक के खिलाफ 2016 में उप्र सीमा से लगे जिला में पोस्टिंग के दौरान गड़बड़ी (aopa) के आरोप में केस भी दर्ज किया गया था. मामला अभी तक जिंदा ही है.