PATNA:बिहार के दो आईपीएस अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। सस्पेंड होने वाले आईपीएस अधिकारियों ने इतने बड़े पद की गरिमा गिरा दी थी। एक भ्रष्ट निकला तो दूसरा जालसाज। अब जाकर नीतीश सरकार ने दोनों को सस्पेंड किया है। निलंबित किये गये अधिकारियों में पूर्णिया एसपी दयाशंकर और गया के पूर्व एसपी आदित्य कुमार शामिल हैं।
2014 बैच के आईपीएसअ अधिकारी पूर्णिया एसपी दयाशंकर पर भ्रष्टाचार का आरोप हैं। आरोप है कि उन्होंने गलत तरीके से संपत्तियां अर्जित की। शुरूआती जांच में एसपी दयाशंकर के पास उनकी घोषित आय से 71 लाख रुपये ज्यादा पाए गए। एसपी दयाशंकर पर आरोप है कि उन्होंने जूनियर पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर अवैध वसूली की। 11 अक्टूबर को दयाशंकर के साथ-साथ सदर थानाध्यक्ष संजय सिंह, एसपी के रीडर नीरज कुमार सिंह और सिपाही सावन कुमार के ठिकानों पर भी छापेमारी हुई।
जालसाजी का आरोप
कार्रवाई की जद में आए दूसरे आईपीएस अधिकारी गया के पूर्व एसपी आदित्य कुमार के खिलाफ जालसाजी का आरोप है। आदित्य कुमार 2011 बैच के आइपीएस हैं। उनपर शराब माफिया से सांठ गांठ के आरोप में विभागीय कार्रवाई चल रही थी। आरोप है कि जांच से बचने के लिए अधिकारी आदित्य कुमार अपने दोस्त से डीजीपी को फोन करवाकर धमकी दिलवाई। आरोप है कि आदित्य कुमार का दोस्त अभिषेक अग्रवाल ने खुद को हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बताकर डीजीपी को कई बाक फोन किया। उसने डीजीपी बिहार एसके सिंघल को फोन कर आदित्य कुमार के खिलाफ चल रही डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी को रोकने का दवाब बनाया।