PATNA: बिहार के बड़े नक्सली नेताओं में एक व बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश का मोस्ट वांटेड नक्सली संदीप यादव उर्फ विजय यादव की मौत हो गई है। मौत कैसे व कब हुई इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। घर के पुरुष सदस्यों का कहना है कि मौत दवा के रिएक्शन करने की वजह से हुई है। मोस्टवांटेड नक्सली की डेड बॉडी उसके परिवार के सदस्य घर पर देर रात लेकर आ गए हैं। एसएसपी हरप्रीत काैर का कहना है कि संदीप यादव की मौत की सूचना मिली है लेकिन मृतक संदीप यादव ही है या फिर कोई और इस बात की पुष्टि अभी नहीं की जा सकती है।
कुख्यात संदीप यादव पर सैकड़ों केस दर्ज थे। झारखंड सरकार की ओर से 50 लाख तो बिहार सरकार की तरफ से 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सीआरपीएफ के सूत्रों से स्पष्ट कर दिया है कि संदीप यादव की मौत हो चुकी है। उसका कहना है कि बीते दिनों हुए बम ब्लास्ट में घायल हो गया था। उसके बाद से वह काफी डरा हुआ था। उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई है। देर रात पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया था।
संदीप यादव मूल रूप से जिले के बांकेबाजार प्रखंड के बाबू राम डीह गांव का रहने वाला था। वह कम उम्र से ही नक्सली संगठन से जुड़ गया था। जुड़ने के बाद उसने भाकपा माओवादी के बैनर तले एक से बढ़ कर एक दिल दहला देने वाली नक्सली वारदात को अंजाम दिया। वह सीआरपीएफ व पुलिस बल पर ही हमला बोला करता था। उसके हमले में कई पुलिस वालों की जान जा चुकी है। वह कभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका था। कई राज्यों की पुलिस उसे बेसब्री से ढूंढ रही थी।
जानकारों का कहना है कि संदीप यादव की बॉडी जंगल में पड़ी हुई थी। शव के आसपास और दूर-दूर तक कोई भी व्यक्ति नहीं था। उसकी लाश पर जंगल में पत्ता चुनने वालों की नजर पड़ी तो वे उसे पहचान गए। 2018 में देश में पहली बार ईडी ने किसी नक्सली नेता के खिलाफ कार्रवाई की थी तो वह संदीप यादव ही था। संदीप यादव की संपत्ति जो दिल्ली, नोएडा, औरंगाबाद और बाबू राम डीह में थी उसे जब्त किया था। संपत्ति उसके व उसके बेटे और बेटी दामाद के नाम से थी।