PATNA: BJP सांसद राजीव प्रताप रूडी ने लोकसभा में बिहार के प्रवासी मजदूरों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात दुख है कि देशभर में कहीं भी कोई घटना हो तो उसमें बिहार का मजदूर ही मरता है। भाजपा सांसद ने कहा कि बिहार की सरकार ने जातीय गणना के आधार पर सिर्फ वोट की राजनीति की है। राजीव प्रताप रूडी ने संसद में कहा, "आज अगर पुणे में स्लैब गिरता है, तो उसमें मरने वाला मजदूर बिहारी है। बेंगलुरु के सैप्टिक टेंक में सफाई करने वाला मजदूर भी बिहारी है। दिल्ली की मंडी में आग लगती है और 36 लोग मर जाते हैं, वो मजदूर बिहारी हैं। पंजाब के खेतों में काम करने वाला मजदूर भी बिहारी है।"
राजीव प्रताप ने कहा कि कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक बिहार के मजदूर काम कर रहे हैं। कश्मीर में आतंकियों की गोली भी खा रहे हैं, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। बीजेपी सांसद ने आगे कहा, "मैं इसलिए इस विषय को उठा रहा हूं, ताकि पूरे सदन की संवेदना होगी। आज सच यह है कि बिहारी तो आगे है, लेकिन बिहार पिछड़ा है। आखिर ये क्यों है।" रूडी ने कहा कि राज्य की 14 करोड़ की आबादी में से 4 करोड़ लोग बिहार छोड़कर बाहर काम कर रहे हैं। अब इन 4 करोड़ में से 3 करोड़ लोग वो हैं, जिनकी जातीय गणना करवाई जाती है और बिहार की सरकार वोट की राजनीति करती है। मैं इस विषय को इसलिए उठा रहा हूं कि गिनती का धोखा किया जा रहा है। भाजपा सांसद ने कहा कि पूरे भारत में बिहार के मजदूर गरीबी की हालत में काम करते हैं। बिहार सरकार का खर्चा भी चार करोड़ मजदूर देशभर में काम करके चलाते हैं। मेरी बिहार सरकार से मांग है कि कर्नाटक में मरने वाल बिहार के मजदूरों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए