बड़ा खुलासाः बिहार के विश्वविद्यालयों का कारनामा उजागर, तय सैलेरी से 25% ज्यादा दिया तो 1500 कर्मियों का प्रमोशन सवालों के घेरे में

The deeds of the universities of Bihar exposed The deeds of the universities of Bihar exposed
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Edited By - Admin

  • बिहार,
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  • 24 June 2023,
  •  
  • अपडेटेड 08:28 AM IST

PATNA:बिहार के विश्वविद्यालयों में मनमानी और गड़बड़ी का बड़ा खुलासा हुआ है. शिक्षा विभाग ने गलत वेतनमान निर्धारित करने से लेकर संवर्ग परिवर्तन तक के मामले को पकड़ा है. सबसे अधिक मामले मगध विवि में पकड़े गए हैं. वैसे विभिन्न विश्वविद्यालयों में लगभग 1500 कर्मियों से जुड़ा यह मामला है।

अकेले मगध विश्वविद्यालय में 400 मामले हैं। कर्मियों को वेतनमान तय वेतनमान से 25% ज्यादा दे दिया। नियम के विरूद्ध चतुर्थ वर्गीय कर्मियों को तृतीय वर्ग में प्रोन्नति दी गई। लिपिक से प्रयोगशाला सहायक, फिर प्रयोगशाला सहायक से लाइब्रेरियन सहायक और फिर प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर प्रोन्नति देकर संवर्ग ही बदल दिया। इस कारण विश्वविद्यालयों के 1500 कर्मियों का वेतन का सत्यापन नहीं हो रहा है।

शिक्षा विभाग 14 बिंदुओं में गड़बड़ी के मामले को चिह्नित कर सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को पत्र भेज भेजा है। कहा है कि विश्वविद्यालय स्तर पर इस तरह की आपत्तियों का निराकरण लंबित रहने के कारण ही कर्मियों का समय पर वेतन सत्यापन नहीं हो पा रहा है।

शिक्षा विभाग में 28 जनवरी 2013 के संकल्प के आधार पर वेतन सत्यापन कोषांग गठित किया है। वेतन सत्यापन कोषांग द्वारा शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों के विश्वविद्यालयों द्वारा निर्धारित किए गए वेतन का सत्यापन किया जाता है। विश्वविद्यालयों द्वारा नियमानुसार वेतन निर्धारण प्राप्त होने पर ही समय पर कर्मियों का वेतन सत्यापन पत्र जारी किया जा सकता है।